हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के 2 घटक हैं। पहले घटक के तहत मशीनरी की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है और दूसरे घटक के तहत पराली की गांठे बनाने पर 1 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री ने योजना के अंतर्गत पहले घटक के तहत 11,007 किसानों के खातों में 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भेजी गई। इस योजना में फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेन्टर को 80 प्रतिशत अनुदान अनुदान दिया है। इससे पहले इस योजना में 584 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। आज की राशि मिलाकर अब तक 704 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। इस योजना के दूसरे घटक के तहत 1 लाख 36 हजार 345 किसानों के खातों में 117 करोड़ 74 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि डाली गई।
गांठ बनाने वालों को दी राशि
इस योजना में पराली की गांठ बनाने के लिए किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 11 लाख 77 हजार 407 एकड़ भूमि के लिए यह प्रोत्साहन राशि दी गई है। इससे पहले इसके तहत किसानों को 159 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। प्रोत्साहन राशि मिलाकर कुल 276 करोड़ 94 लाख रुपये किसानों के खातों में सीधे ही डाले जा चुके हैं। इस प्रकार इस योजना के तहत दोनों घटकों को मिलाकर कुल 980 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं।
प्रदूषण रोकने सजग हरियाणा सरकार.. पराली न जलाने वाले किसानों को अनुदान
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