Wednesday, July 3, 2024
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कभी 11वी में हो गई थी फेल,अब डिप्टी कलेक्टर बनी एमपी की ये बेटी

27 वर्षीय प्रियल यादव ने अपने जीवन के संघर्ष को प्रेरणा में बदल दिया। उन्होंने 10वीं तक अपनी कक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया, लेकिन रिश्तेदारों के दबाव में 11वीं में भौतिकी, रसायन शास्त्र और गणित संकाय चुन लिया। इन विषयों में रुचि न होने के कारण, वे 11वीं की परीक्षा में भौतिकी में फेल हो गईं। यह उनकी “जिंदगी की पहली और आखिरी नाकामी” थी।

असफलता से नहीं घबराई, मेहनत की राह चुनी

इस नाकामी से मायूस होने के बजाय, प्रियल ने कड़ी मेहनत का रास्ता अपनाया। उन्होंने अपनी रुचि के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया और लगातार प्रयास करते हुए सफलता की ओर बढ़ीं।

राज्य सेवा परीक्षा में लगातार सफलता

प्रियल ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 में 19वां स्थान हासिल करके जिला पंजीयक के पद पर नियुक्ति पाई। इसके बाद, 2020 में उन्होंने 34वां स्थान प्राप्त किया और सहकारिता विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर चयनित हुईं। 2021 में, उन्होंने प्रावीण्य सूची में छठा स्थान हासिल करके उप जिलाधिकारी (डिप्टी कलेक्टर) पद पर चयनित होकर एक और मील का पत्थर हासिल किया।

परिवार का सहयोग और सपने

हरदा जिले की रहने वाली प्रियल ने बताया कि उनके पिता खेती-किसानी करते हैं और मां गृहिणी हैं। ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी प्रियल कहती हैं, “मेरे माता-पिता ने मुझ पर जल्दी शादी करने का दबाव नहीं बनाया और मुझे पढ़ने की पूरी आजादी दी।”

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का सपना

फिलहाल, प्रियल इंदौर में जिला पंजीयक के रूप में कार्यरत हैं और उनकी आंखों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में आने का सपना है। उन्होंने कहा, “मैं डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा की तैयारी करना चाहती हूं।”

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत

प्रियल यादव की कहानी यह सिखाती है कि असफलता स्थायी नहीं होती और मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यात्रा हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है।

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