सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा अपराध के आरोपी व्यक्तियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर कार्रवाई पर फैसला सुनाते हुए कहा कि उसने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है, जो व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसमें कहा गया है कि कानून का शासन यह सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा प्रदान करता है कि व्यक्तियों को पता हो कि संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं छीना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने कदम नहीं उठा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और न ही वह न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला कर सकती है।
सरकार कभी किसी निजी मकान को नहीं गिराती
उत्तर प्रदेश सरकार के ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है, सरकार भी करती है, विपक्ष भी करता है। सरकार का इरादा किसी का घर गिराने का नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है। सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, आदेश के ही समान
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कोई भी निर्देश आदेश के ही समान है। यदि किसी भी कार्रवाई पर कोई टिप्पणी की गई है तो उसे देखने के बाद ही उस पर कुछ कह पाना उचित होगा।