देश की आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर सामने आ रही है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से जूझ रहे लोगों को जल्द ही राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि सरकार आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के दाम घटा सकती है। उन्होंने इसके पीछे कई अहम वजहें भी बताई हैं।
क्या है दाम घटने की वजह?
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में चल रही ‘ऊर्जा वार्ता 2025’ के दौरान बताया कि अगर कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती हैं, तो सरकार अगले 2-3 महीनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती पर विचार कर सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कच्चे तेल आयात के स्रोतों का विस्तार किया है. पहले भारत 27 देशों से तेल आयात करता था, जिसे अब बढ़ाकर 40 देशों तक कर दिया गया है. इससे तेल आपूर्ति में विविधता आई है और भारत अब कुछ ही देशों पर अत्यधिक निर्भर नहीं है।
पुरी ने यह भी कहा कि रूस से तेल आयात ने वैश्विक स्तर पर कीमतों को स्थिर रखने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि रूस वैश्विक तेल उत्पादन का 10% हिस्सा है, और अगर भारत जैसे देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया होता, तो कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं, जिससे पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ जाती।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को हो रहा फायदा
हाल ही में कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गई हैं, जिससे भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) का मुनाफा बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर विचार कर रही है। हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संभावना भू-राजनीतिक स्थिरता पर भी निर्भर करेगी। यदि ईरान-इजराइल जैसे क्षेत्रों में कोई बड़ा टकराव होता है, तो कच्चे तेल के दाम फिर से बढ़ सकते हैं, जिससे कटौती की योजना प्रभावित हो सकती है।
कुल मिलाकर, सरकार की कोशिश है कि वह वैश्विक बाजार की स्थितियों का फायदा उठाकर आम लोगों पर से महंगाई का बोझ कम कर सके।