हरियाणा के लोगों के लिए खुशखबरी है। यहां अभी जमीनों की रजिस्ट्री महंगी नहीं होगी। प्रदेश के जिलों में पुरानी कलेक्टर दरों को ही नए वित्त वर्ष के लिए मान्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राजस्व विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति देने से इंकार कर दिया है, जिसके चलते प्रदेश में इस साल पहले वाला कलेक्टर रेट ही लागू रहेगा। 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण अप्रैल में वार्षिक संशोधन स्थगित कर दिया गया था। अब चुनाव समाप्त होने के बाद भी दरों में संशोधन नहीं किया जा सका था, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव अगस्त में घोषित हो गए थे। नई सरकार ने अक्टूबर में कार्यभार संभाला और कलेक्टर दरों में संशोधन पिछले साल दिसंबर में ही किया। प्रतिवर्ष अप्रैल में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में संशोधन किया जाता है। हरियाणा में कलेक्टर दरों को दिसंबर 2024 में संशोधित किया गया था। वर्तमान दरें अगले आदेश तक लागू रहेंगी।
सभी जिलों को भेजे गए आदेश
सरकार द्वारा सभी जिलों को भेजे गए आदेशों में कहा गया है कि वर्ष 2025-26 के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर का रजिस्ट्रेशन पब्लिक इंट्रेस्ट में अगले आदेश तक पिछले कलेक्टर दरों पर जारी रखा जा सकता है। कलेक्टर दरें एक अप्रैल से 31 मार्च तक लागू होती हैं। लेकिन सरकार विशेषाधिकार के चलते वर्ष के बीच में किसी भी समय इसमें बदलाव कर सकती है। कुछ जिलों ने खुद ही 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव तैयार कर लिए थे। यहां तक कि इन दरों को अपलोड करके सार्वजनिक आपत्तियां भी आमंत्रित करने की तैयारी कर ली थी।
यह है वर्तमान रजिस्ट्रेशन फीस
प्रॉपर्टी रेट (रुपये में) रजिस्ट्रेशन फीस
25 से 40 लाख- 20,000 रुपये
40 से 50 लाख- 25,000 रुपये
50 से 60 लाख- 30,000 रुपये
60 से 70 लाख- 35,000 रुपये