संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष से सत्र को सुचारू रूप से चलाने और सार्थक चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया।प्रधानमंत्री ने अपने बयान में विपक्ष पर निशाना साधते हुए उनसे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने को कहा। उन्होंने कहा, “मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी पराजय की बौखलाहट से निकलकर देश हित में इस सत्र में सार्थक चर्चा करें।”
पीएम मोदी ने कहा कि देश को आशा है कि इस सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक सुधारों और राष्ट्रीय महत्व के अन्य मुद्दों पर गंभीर चर्चा होगी। उन्होंने सरकार की ओर से हर मुद्दे पर बातचीत के लिए पूरी तैयारी होने का आश्वासन दिया। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा और इसमें कुल 15 बैठकें होंगी।
सरकार का विधायी एजेंडा
सरकार ने इस सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की योजना बनाई है। प्रमुख विधेयकों में शामिल हैं:
- परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025: इस विधेयक के तहत परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी निवेश के लिए खोलने का प्रस्ताव है।
- भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2025: उच्च शिक्षा संस्थानों में सुधार और स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए।
- बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025: बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव।
- तंबाकू उत्पादों पर नया कर: तंबाकू, गुटखा और पान मसाला जैसे उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise) और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा उपकर’ (Health Security Cess) लगाने से संबंधित दो विधेयक।
विपक्ष के प्रमुख मुद्दे
सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है क्योंकि विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में निम्नलिखित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया:
- वोटर लिस्ट का विशेष गहन संशोधन (SIR): कई राज्यों में वोटर लिस्ट के संशोधन में अनियमितताओं का आरोप।
- सुरक्षा और कानून व्यवस्था: हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट और सुरक्षा के मुद्दे।
- आर्थिक चिंताएं: महंगाई, बेरोजगारी, और किसानों की स्थिति।
- नेशनल हेराल्ड मामला: इस मामले से संबंधित नई FIR का समय।


