छत्तीसगढ़ में 5 वर्षों के बाद लौटे राजिम कुंभ कल्प में साधु-संतों का जमावड़ा है। इस वर्ष भगवान श्रीरामलला की थीम पर आयोजन हो रहा है। 3 मार्च से विराट संत समागम का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक स्थलों से साधु-संत शामिल होने पहुंच रहे हैं। राजिम कुंभ में संतों का आगमन शुरू हो गया है। संतों के स्वागत के लिए कुंभ नगरी राजिम सजकर तैयार है। धर्म स्थल के विशाल वटवृक्ष स्वरूप रेतीले परिसर में संत-समागम स्थल बनाया गया है, जिसमें देशभर से महामण्डलेश्वर, आचार्य, महंत, संत-महात्माओं के लिए कुटियों का निर्माण किया गया है। राज्य सरकार ने यहां व्यापक इंतजाम किए हैं। संतों की दैनिक गतिविधियां ध्यान, योग, उपदेश, यज्ञ, हवन, पूजा का इंतजाम किया गया है। लोमश ऋषि आश्रम में सिरकट्टी आश्रम, उत्तरप्रदेश, झांसी, गरियाबंद, राजनांदगांव, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, दामाखेड़ा, चण्डी से लगभग 70 संत पहुंचे हैं।
नागा साधुओं ने निकाली पेशवाई
जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नागा संत-सन्यासियों सहित महात्माओं ने राजिम कुंभ कल्प मेला में भगवान दत्तात्रेय का आह्वान करते हुए पेशवाई निकाली। यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर आरंभ हुई। संत समागम स्थित अपने पंडाल में विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया। पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने विभिन्न करतब दिखाते हुए शस्त्र प्रदर्शन किया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सीएम विष्णु देव साय नजर रखे हैं। 7 मार्च को मुख्यमंत्री भी यहां आएंगे।
कुंभ नगरी राजिम में साधु-संतों का जमावड़ा.. 3 मार्च से विराट संत समागम
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