एक समय था जब “इंडिया आउट” का नारा मालदीव की सड़कों पर गूंजता था और भारत के साथ रिश्तों में तनाव चरम पर था। लेकिन अब, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लाल कालीन बिछाकर रिश्तों में एक नई शुरुआत का संकेत दिया है। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की भी 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने स्वयं अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ पीएम मोदी का माले पहुंचने पर भव्य स्वागत किया।
मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में “इंडिया आउट” अभियान को प्रमुखता से उठाया था, जिसमें भारत की सैन्य उपस्थिति को मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा बताया गया था। उनके चुनाव जीतने के बाद, मालदीव ने भारतीय सैनिकों को देश से हटाने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और खटास आ गई।
हालांकि, हाल के महीनों में रिश्तों में नरमी आनी शुरू हुई है। दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ताओं का दौर चला और व्यापार, पर्यटन और विकास परियोजनाओं पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। राष्ट्रपति मुइज्जू का प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना और उनके लिए विशेष रूप से रेड कार्पेट बिछाना, यह स्पष्ट संकेत देता है कि मालदीव अब भारत के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मालदीव की अर्थव्यवस्था काफी हद तक भारत पर निर्भर करती है, खासकर पर्यटन के क्षेत्र में। साथ ही, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी भारत का सहयोग महत्वपूर्ण है। “इंडिया आउट” अभियान के कारण पैदा हुए तनाव से दोनों देशों को नुकसान हो रहा था।
अब, रिश्तों को सामान्य करने का यह प्रयास न केवल दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई शुरुआत भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को कितनी मजबूती प्रदान करती है।
सकारात्मक संकेत
लोन सहायता और समझौता ज्ञापन: भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये (565 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की नई ‘लाइन ऑफ क्रेडिट’ देने का ऐलान किया। इस राशि का उपयोग मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, मत्स्य पालन और कृषि, डिजिटल समाधान, पर्यावरण और यूपीआई को लेकर भी समझौते हुए।
विकास परियोजनाओं का उद्घाटन: पीएम मोदी ने मालदीव में कई बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें अद्दू शहर में सड़क और जल निकासी प्रणाली परियोजना, और 6 उच्च-प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएं शामिल हैं। भारत ने 72 वाहन और अन्य उपकरण भी मालदीव को सौंपे।
द्विपक्षीय निवेश संधि और मुक्त व्यापार समझौता: दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने और मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने की पुष्टि की।
रक्षा सहयोग: पीएम मोदी ने कहा कि भारत मालदीव को उसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में हमेशा सहयोग देगा। रक्षा मंत्रालय की इमारत का उद्घाटन भी हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतीक बताया गया।
भारतीय सैनिकों का मुद्दा: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मालदीव के अनुरोध पर भारत ने हेलीकॉप्टर और डोर्नियर जेट समझौते को आगे बढ़ाया है, और भारतीय हेलीकॉप्टर व सैन्य विमान अभी भी मालदीव में परिचालन में हैं। यह उस मांग के विपरीत है जिसमें मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को हटाने की बात कही थी।
जन-जन से जुड़ाव: पीएम मोदी ने मालदीव में आईटीईसी के पूर्व छात्रों और भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत की।