हर साल लाखों उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा (PSC) में अपनी किस्मत आज़माते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो मजबूत इरादों और अथक मेहनत के साथ संघर्षों से लड़ते हैं। यह कहानी है मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की रहने वाली अंजलि सोंधिया की, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों और सामाजिक बंधनों से लड़कर अपने सपने को पूरा किया और भारतीय वन सेवा (IFS) ऑफिसर बनीं।
कम उम्र में सगाई और पारिवारिक संघर्ष
अंजली का जीवन संघर्षों से भरा रहा। एक पारंपरिक परिवार से आने वाली अंजलि सोंधिया की सगाई तब तय कर दी गई थी, जब वह केवल 15 साल की थीं। इस चुनौतीपूर्ण माहौल में उनकी मां ने उनका पूरा साथ दिया और उन्हें पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
कुछ समय बाद, उनके पिता का निधन हो गया, जिससे घर की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई। हालांकि, इन मुश्किल हालात ने अंजली को कमजोर करने के बजाय, उनके संकल्प को और मजबूत किया। उन्होंने पढ़ाई का साथ नहीं छोड़ा और आगे बढ़ने की ठान ली।
सेल्फ स्टडी और लगातार असफलता
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अंजलि ने किसी कोचिंग का सहारा न लेते हुए सेल्फ स्टडी शुरू की। उन्होंने NCERT की किताबों और ऑनलाइन क्लासेस की मदद से अपनी तैयारी की नींव रखी।
हालांकि, सफलता आसानी से नहीं मिली। अपनी पहली तीन कोशिशों में, अंजलि प्रिलिम्स (प्रारंभिक परीक्षा) भी पास नहीं कर पाईं। लगातार तीन असफलताएँ मिलने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी तैयारी के तरीके को बदला, अपनी गलतियों से सीखा और नए सिरे से शुरुआत की।
चौथी कोशिश में बनीं IFS ऑफिसर
अंजलि की मेहनत आखिरकार रंग लाई। अपनी चौथी कोशिश में, उन्होंने न केवल प्री परीक्षा और मेन्स पास किया, बल्कि इंटरव्यू में भी सफल रहीं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की और भारतीय वन सेवा (IFS) ऑफिसर बनकर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया।
सफलता का राज: अनुशासन, निरंतरता और आत्मविश्वास
अपनी सफलता का श्रेय अंजली ने अपनी तैयारी के तीन मूलमंत्रों को दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन, निरंतरता और आत्मविश्वास ही आपकी मेहनत को सफल बनाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि परीक्षा के सिलेबस को समझकर, नियमित मॉक टेस्ट देना और पूरी प्लानिंग के साथ तैयारी करना आवश्यक है।
अंजलि ने कहा, “अगर आपने ठान लिया है और ईमानदारी से मेहनत कर रही है तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।” अंजली की यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो जीवन की मुश्किलों के सामने अपने सपनों को छोड़ने का विचार कर रहे हैं।