उत्तर प्रदेश की संगमनगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम को भव्य और दिव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 120 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सबसे महत्वपूर्ण परियोजना शास्त्री ब्रिज से संगम तक कृत्रिम रूप से गंगा किनारे क्षेत्रफल बढ़ाने की है। इस से संगम का सरकुलेटिंग एरिया बढ़ेगा और कल्पवासियों व श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। महाकुंभ में चार गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाए जाएंगे। मेला प्रशासन पूरी दुनिया को ग्रीन एवं स्वच्छ महाकुंभ का संदेश देगा। इसके साथ ही एक हजार ई-रिक्शा की परेड निकाली जाएगी, जो एक रिकार्ड होगा। मेले में एक साथ 15 हजार लोगों के माध्यम से घाटों की सफाई का रिकार्ड बनेगा। 300 लोग एक साथ नदी में उतरेंगे और सफाई अभियान को गति देंगे। गंगा पंडाल व मेला क्षेत्र में मात्र आठ घंटे में 10 हजार लोग हैंडप्रिंट बनाकर रिकार्ड बनाएंगे।
विशेष सर्वे करेगा आइआइटी कानपुर
आइआइटी कानपुर की टीम प्रयागराज महाकुंभ का समग्र मूल्यांकन करेगी। इसके लिए 95.53 लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। आइआइटी की टीम पुलिस सुरक्षा, डिप्लायमेंट प्लान, ट्रैफिक, मेला संबंधित सभी कार्यों की योजना, आर्गेनाइजेशन व प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्ट्रेटजी की रिपोर्ट बनाएगी। मेले के सोशियो इकोनामिक इंपैक्ट के बारे में रिसर्च कर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी।
ये प्रस्ताव भी मंजूर
- सफाई के लिए 3200 अतिरिक्त मजदूरों को 90 दिनों के लिए आउटसोर्सिंग पर लेने का 14 करोड़ 35 लाख रुपये प्रस्ताव भी मंजूर हुआ।
- सफाई उपकरण एवं कीटनाशक दवा की आपूर्ति को तीन करोड़ 62 लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।
- स्टेशनों पर शौचालयों के लिए एक करोड़ 26 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी।
- मेला क्षेत्र के अंतर्गत जनित ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिए 73.62 लाख रुपये, 200 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट के विद्युत कनेक्शन कार्य के लिए तीन करोड़ 82 लाख रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदन।