जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यपाल मलिक का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उन्होंने 79 साल की उम्र में दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कई महीनों से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और 11 मई से अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की पुष्टि उनके निजी सचिव पी.एस. राणा ने की।
सत्यपाल मलिक ने बिहार, गोवा, जम्मू-कश्मीर और मेघालय जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवाएं दी थीं। उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। यह एक संयोग ही है कि उनकी मृत्यु उसी दिन हुई, जिस दिन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 6 साल पूरे हुए हैं।
अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में समाजवादी नेता रहे सत्यपाल मलिक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वह नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े आलोचक बन गए थे। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान सरकार पर तीखे हमले बोले थे और कई संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी थी। उनके बेबाक बयानों के कारण वह अक्सर सुर्खियों में रहते थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक मुखर और साहसिक व्यक्तित्व की कमी महसूस की जाएगी।