भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्री और ईरान के विदेश मंत्री का दिल्ली दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देशों के मंत्रियों का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्री विदेश राज्यमंत्री अदेल अलजुबैर का यह दौरा भारत-सऊदी अरब के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से है, लेकिन मौजूदा क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए यह दौरा और भी महत्वपूर्ण हो गया है। भारत, सऊदी अरब को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानता है। दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है। सऊदी अरब पाकिस्तान का भी करीबी है। ऐसे में वह दोनों देशों के बीच मध्यस्थ बन सकता है।
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का दौरा भी क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। ईरान, भारत का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। भारत, ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के विकास में भी सहयोग कर रहा है, जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच के लिए महत्वपूर्ण है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, दोनों मंत्रियों के दौरे में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को लेकर चर्चा होने की संभावना है। भारत, सऊदी अरब और ईरान दोनों से ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद करने की अपील कर सकता है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ऐसे में, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों की भूमिका क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।