भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच एडिलेड ओवल के मैदान पर खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा है। महज ढाई दिन में ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत को ध्वस्त कर दिया है और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से बुरी तरह से हराया था। लेकिन जब एडिलेड टेस्ट मैच में टीम इंडिया खेलने उतरी तो ऐसा लगा ही नही कि पर्थ वाली टीम इंडिया है। टीम को देखकर लगा कि यह कोई दूसरी टीम इंडिया एडिलेड ओवल में खेलने उतरी है।
आखिर पर्थ टेस्ट मैच के बाद टीम इंडिया में ऐसे क्या बदलाव हुए और ऐसा क्या बदला जो टीम इंडिया बुरी तरह से टेस्ट मैच को हार गई? जो इंटेंसिटी जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाली भारतीय टीम में थी वह रोहित के आते ही नकारात्मक टीम में बदलती हुई दिखाई दी। क्योंकि पर्थ में जिस तरह से टीम इंडिया ने आक्रामक अंदाज में क्रिकेट खेला था एडिलेड ओवल में उतना ही डिफेंसिव अंदाज में टीम इंडिया खेलते हुए नजर आई।
आखिर क्यों टेस्ट की कप्तानी में इतने पीछे हैं रोहित शर्मा?
भारतीय टीम के टेस्ट और वनडे के कप्तान रोहित शर्मा की जब कप्तानी की बात होती है तो कहा जाता है कि रोहित शर्मा हमेशा ग्राउंड पर विरोधी टीम से दो कदम आगे नजर आते हैं। लेकिन यह सब कहने की बातें हैं, क्योंकि हकीकत यह है कि रोहित शर्मा से टेस्ट फॉर्मेट में कप्तानी आती ही नहीं है। क्योंकि जिस तरीके से रोहित शर्मा डिफेंसिव माइंडसेट के साथ कप्तानी करते हैं टेस्ट क्रिकेट में उस तरह की कप्तानी के साथ सिर्फ हार मिलती है जीत तो दूर की बात है।
लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि जब रोहित शर्मा बतौर कप्तान और बतौर बल्लेबाज टेस्ट फॉर्मेट में लगातार फेल हो रहे हैं तो आखिर कब वह कोई निर्णय लेंगे जिससे टीम को फायदा होगा? क्योंकि अब ऐसा लग रहा है कि रोहित शर्मा टीम इंडिया के ऊपर सिर्फ बोझ बने हुए हैं और जबरदस्ती खेलते हुए नजर आ रहे हैं।
क्योंकि एडिलेड टेस्ट मैच में जिस तरह से दोनों पारियों में रोहित शर्मा आउट हुए हैं साफ नजर आ रहा था कि उनके पांव चलना बंद हो गए हैं और उन्होंने अपने नंबर का बलिदान नहीं किया था बल्कि उन्हें खुद ही आत्मविश्वास नहीं था कि वह ओपनिंग में जाकर रन बना देंगे? इसलिए वह नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने आए।