प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान उत्तर-पूर्व भारत के एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व, मणिपुर की के. चोखोने क्रिचेना (K. Chokhone Krichena) की सराहना की। मणिपुर के सेनापति जिले के रहने वाले क्रिचेना ने न केवल फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) के क्षेत्र में असाधारण काम किया है, बल्कि उन्होंने इस क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाने का काम भी किया है।
एक छोटे प्रयास से बड़ी क्रांति तक
के. चोखोने क्रिचेना की यात्रा एक छोटे से विचार के साथ शुरू हुई थी। सेनापति जिले की उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु को देखते हुए, उन्होंने पारंपरिक खेती के बजाय फूलों की खेती की संभावनाओं को पहचाना। उन्होंने देखा कि बाजार में फूलों की मांग बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति मुख्य रूप से दूसरे राज्यों पर निर्भर है।
क्रिचेना के कार्यों के प्रमुख बिंदु:
- वैज्ञानिक पद्धति का समावेश: उन्होंने पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक बागवानी पद्धतियों के साथ जोड़ा।
- विविधता: उन्होंने विभिन्न प्रकार के विदेशी और स्थानीय फूलों की खेती शुरू की, जिनकी बाजार में भारी मांग है।
- सामुदायिक विकास: उन्होंने अकेले सफल होने के बजाय स्थानीय किसानों को प्रशिक्षित किया और उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ा।
किसानों के जीवन में आया बदलाव
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि क्रिचेना का योगदान केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। उनके प्रयासों से मणिपुर के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
- आय में वृद्धि: फूलों की खेती से किसानों की आय पारंपरिक फसलों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
- महिला सशक्तिकरण: क्रिचेना की फूलों की नर्सरी और पैकेजिंग इकाइयों में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं काम कर रही हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं।
- उत्तर-पूर्व का गौरव: उनके इस मॉडल ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही दिशा दी जाए, तो उत्तर-पूर्व भारत ‘फ्लोरीकल्चर हब’ बन सकता है।
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिचेना के उदाहरण के माध्यम से देश के युवाओं और किसानों को ‘नवाचार’ (Innovation) अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “जब कोई व्यक्ति कुछ नया करने का साहस दिखाता है, तो वह न केवल अपना भाग्य बदलता है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए रोशनी बन जाता है।” “के. चोखोने क्रिचेना हमारे ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान की रीढ़ हैं। उनकी कड़ी मेहनत ने सेनापति जिले को फूलों की खुशबू से भर दिया है।”
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भविष्य की राह
आज के. चोखोने क्रिचेना द्वारा तैयार किए गए फूलों की मांग न केवल मणिपुर में है, बल्कि वे पड़ोसी राज्यों और बड़े महानगरों तक भी पहुँच रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी यह संदेश देती है कि कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता (Entrepreneurship) के माध्यम से देश के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदली जा सकती है।


