उत्तर भारत में सितंबर में भी भारी बारिश और बाढ़ का सिलसिला जारी है, जिससे जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली सहित कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों के लिए आठ राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाओं से छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन लोग लापता हैं और 21 घायल हुए हैं। पंजाब और हिमाचल में स्थिति को देखते हुए 7 सितंबर तक स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी बढ़ा दी गई है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। ब्यास, सतलुज, चिनाब, रावी, अलकनंदा और भागीरथी जैसी नदियां उफान पर हैं। जम्मू-कश्मीर में भी चिनाब, रावी, झेलम और सिंधु बेसिन में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
पंजाब में बाढ़ का कहर
पंजाब में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, जहां 23 जिलों के 1,200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लगभग 3.75 लाख एकड़ कृषि भूमि, खासकर धान के खेत, पानी में डूब गए हैं। राज्य सरकार ने पंजाब को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है और सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। रावी नदी का जलस्तर फिर बढ़ गया है और बरनाला में छत गिरने से एक बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई।
देश में नदियों का बढ़ता जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, देश में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 21 जगहों पर बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जिनमें से 9 बिहार में, 8 उत्तर प्रदेश में और 1-1 दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और झारखंड में हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रेलवे पुल के पास बहुत बढ़ गया है।
बिहार में गंगा, कोसी, गंडक और बूढ़ी गंडक नदियों में जलस्तर बढ़ने से भागलपुर, पटना, खगड़िया और सीवान जैसे जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश में भी गंगा, यमुना, घाघरा, रामगंगा और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी तापी, नर्मदा, माही और महानदी जैसी नदियां उफान पर हैं। उकाई, सरदार सरोवर और हीराकुंड जैसे प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।