उत्तराखंड के उत्तरकाशी में प्रकृति का कहर देखने को मिला, जहां आसमान से जल प्रलय जैसी स्थिति पैदा हो गई। ढाई घंटे के भीतर 3 स्थानों पर बदल फटने से इस पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। खीर गंगा में बाढ़ आने से निचले इलाके में भारी तबाही मच गई। हर्षिल सेना कैंप के पास बहने वाली तेलगाड़ नदी भी उफान पर आ गई। पड़ाव धराली में अचानक आई बाढ़ से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 जवानों समेत 60 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह घटना इतनी अचानक हुई कि लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिला। कई घर, होटल और दुकानें पानी के तेज बहाव में तिनके की तरह बह गए। नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से चारों तरफ हाहाकार मच गया। आपदा प्रबंधन दल और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण मुश्किलें आ रही हैं।
लापता लोगों की तलाश जारी है, लेकिन उनकी स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच गई हैं। यह हादसा उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों में आई सबसे भयावह प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। सरकार ने प्रभावितों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर पहाड़ों पर अनियंत्रित निर्माण और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के गंभीर परिणामों को उजागर किया है। स्थानीय लोग अभी भी सदमे में हैं और अपने प्रियजनों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। इस दुखद घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम छाया हुआ है।