अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की पूर्णता के उपलक्ष्य में, 25 नवंबर को एक भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर हो रहा है, जो भगवान राम और देवी सीता के विवाह का दिन है।
मुख्य कार्यक्रम और तिथियाँ
यह महोत्सव कलश यात्रा के साथ शुरू हो चुका है। मुख्य ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। वह एक बटन दबाकर मंदिर के 190 फुट ऊंचे शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे, जो मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक होगा। पीएम मोदी लगभग 4 घंटे अयोध्या में रहेंगे, इस दौरान वे आमंत्रित अतिथियों को संबोधित करेंगे और मंदिर के प्रमुख स्थलों का निरीक्षण भी करेंगे।
- शुभ मुहूर्त:
- काशी के प्रकांड पंडित पद्मश्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने 25 नवंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन, मात्र 30 मिनट का विशेष शुभ मुहूर्त निकाला है। प्रधानमंत्री का आगमन लगभग 11:30 बजे होगा, और ध्वजारोहण समारोह दोपहर 12:00 बजे शुरू होगा।
तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
इस समारोह के लिए देश-विदेश से 8,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें उद्योगपति, तकनीकी विशेषज्ञ, और प्रसिद्ध हस्तियाँ शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसमें हवाई अड्डे पर अतिरिक्त बल की तैनाती और एसपीजी (Special Protection Group) द्वारा मार्ग का निरीक्षण शामिल है।
ध्वज की विशेषता:
- फहराया जाने वाला भगवा ध्वज 22 फुट लंबा और 11 फुट चौड़ा होगा, जो रेशम के धागों से बना है, ताकि तेज हवाओं का सामना कर सके।
- ध्वज में सूर्य, ओम, और कोविदार वृक्ष के चिन्ह अंकित होंगे, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है।
- ध्वजारोहण समारोह के कारण 25 नवंबर को आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में प्रवेश बंद रहेगा।
- यह आयोजन सनातन धर्म की विजय और रामराज्य के आदर्शों का महाउत्सव है, जो राम मंदिर के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।


