छत्तीसगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का कार्यक्रम बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में जगह-जगह आयोजन तो हुए ही, साथ ही लोग भी धर्ममय हो गए। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के गुढिय़ारी स्थित अवधपुरी मैदान में आयोजित विशाल दही हांडी उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। विशाल दही हांडी कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आई गोविंदाओं की टोलियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री साय ने दही हांडी फोड़ कर गोविंदा टोलियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दही हांडी उत्सव में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीला से हमें जीवन जीने की कला सिखाई है। महाभारत में श्री कृष्ण ने अन्याय के विरुद्ध लडऩे का संदेश दिया। अन्याय के खिलाफ लडऩा ही सबसे बड़ा धर्म है। सीएम ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमें कर्म की प्रधानता की शिक्षा दी है।
प्रकृति प्रेमी थे भगवान श्रीकृष्ण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति प्रेमी थे। हम जब भगवान कृष्ण को याद करते हैं तो हमें यमुना नदी का किनारा याद आता है। बांसुरी की तान याद आती है और गौमाता का समूह याद आता है। सनातन धर्म में प्रकृति की पूजा की जाती है और पीपल, बरगद आदि वृक्षों को पूज्यनीय माना गया है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान किया है। इस अवसर पर मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे अपनी माँ के नाम से एक पेड़ जरूर लगाएं। भगवान कृष्ण के प्रति भी हमारी सच्ची श्रद्धा तभी प्रकट होगी, जब हम एक पेड़ लगाकर प्रकृति के प्रति अपना दायित्व पूरा करेंगे। इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक किरण सिंहदेव, गुरु खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, श्री ईश्वर साहू, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, बसंत अग्रवाल, स्वामी श्री राजीव लोचन जी महाराज और आयोजन समिति के सदस्य सहित विशाल जनसमूह उपस्थित था।