भारत के पड़ोसी देश उसकी टेंशन बढ़ा रहे हैं। एक तरफ चीन है, जो अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है, जो भिखमंगी के दौर में भी अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। चीन जहां अपने नए छठे जेनरेशन के लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन कर रहा है तो पाकिस्तान को 40 जे-35 स्टेल्थ फाइटर भी देने जा रहा है। इससे हवाई ताकत के मामले में पाकिस्तान को कुछ हद तक भारत पर काफी बढ़त मिल जाएगी क्योंकि हमारे पास फिलहाल एक भी स्टेल्थ फाइटर नहीं है। इंडियन एयर फोर्स अभी भी चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जरूरत पूरी करने में संघर्ष कर रही है। भारत को अमेरिका और रूस जैसे प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ताओं से आपूर्ति में देरी हो रही है। इससे भारत की युद्ध क्षमता प्रभावित हो रही है। ये निश्चित तौर पर भारत के लिए चिंता की बात है। इंडियन एयरफोर्स को अपनी क्षमता बढ़ाने पर फोकस रहने की जरूरत है। हालांकि भारत तैयारी कर रहा है लेकिन उसे रफ्तार देने की जरूरत होगी।
चीनी मीडिया ने की पुष्टि
चीनी मीडिया के मुताबिक, पहली बार चीन किसी अन्य देश को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का निर्यात करने जा रहा है। ऐसे में भारत अपना एकमात्र स्वदेशी प्रोजेक्ट एएमसीए (अडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट) अभी 2028 में जाकर पहला प्रोटोटाइप विकसित कर पाएगा। स्टेल्थ फाइटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस वे लड़ाकू विमान दुश्मन के रेडार में आए बिना ही अपना काम कर जाते हैं। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि उसके पास अत्याधुनिक लड़ाकू जेट इंजन विकसित करने की क्षमता नहीं है। भारत अभी कम से कम 110 केएन शक्ति वाले इंजन को विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए एक विदेशी भागीदार का चयन नहीं कर पाया है। हालांकि फ्रांस का एक आकर्षक प्रस्ताव 8 वर्षों से ठंडे बस्ते में है। यूके का एक अन्य प्रस्ताव पर भी अभी विचार नहीं हो पाया है।