विपक्ष के नेताओं द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है। राम के निमंत्रण को तो कोई ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता। राम भारत की आत्मा हैं। राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अपमान करना है। राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारत की अस्मिता को चुनौती देना है। राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की। उन्होंने कहा कि मैं सभी विपक्षी दलों से निवेदन करना चाहता हूं कि आप भाजपा से लड़ो राम से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो सनातन से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो लेकिन भारत से मत लड़ो।
इन दलों ने ठुकराया है आमंत्रण
कांग्रेस ने आमंत्रण को ठुकराते हुए इसे बीजेपी-आरएसएस का राजनीतिक आयोजन बताया है। वहीं उद्धव गुट को निमंत्रण नहीं मिला, तो लेफ्ट पार्टियों ने भी आने से इंकार कर दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बधाई देते हुए बाद में आने की बात कही है और आमंत्रण देने के लिए धन्यवाद दिया है।
BJP से लड़ो, राम-सनातन-भारत से मत लड़ो.. कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम की सलाह
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