पाकिस्तान और अफगानिस्तान (तालिबान सरकार) के बीच सीमा पर भीषण सैन्य झड़प हुई है, जिसमें खबर है कि कम से कम पाँच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। यह संघर्ष ऐसे नाजुक समय में सामने आया है जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत के एक महत्वपूर्ण दौरे पर थे, जिससे क्षेत्रीय कूटनीतिक तनाव काफी बढ़ गया है।
हमले का कारण: संप्रभुता का उल्लंघन और जवाबी कार्रवाई
- हवाई हमले का आरोप: इस झड़प की शुरुआत अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए कथित हवाई हमलों के बाद हुई। अफगान रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान पर हवाई सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
- बमबारी की शिकायत: मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी विमानों ने ड्यूरंड लाइन के पास पकतीका प्रांत के मरघी क्षेत्र में एक नागरिक बाजार पर बमबारी की, जिसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बताया गया। अफगान मंत्रालय ने इस कार्रवाई को “अभूतपूर्व, हिंसक और उकसाने वाला कदम” बताते हुए कड़ी निंदा की और अपनी भूमि की रक्षा करने का अधिकार दोहराया।
- तालिबान का पलटवार: अफगान सेना द्वारा यह हमला पाकिस्तान के हवाई हमलों का जवाबी पलटवार माना जा रहा है। अफगानी सेना ने दावा किया है कि उन्होंने सीमा पर पाकिस्तान की कई चौकियों पर कब्जा कर लिया है।
कूटनीतिक तनाव और भारत का रुख
- भारत दौरे के बीच तनाव: यह सीमा संघर्ष तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के 9 से 16 अक्तूबर तक चलने वाले भारत दौरे के बीच हुआ, जो 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद किसी वरिष्ठ प्रतिनिधि की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है।
- भारत-अफगानिस्तान की साझा चिंता: मुत्ताकी के भारत दौरे के दौरान, भारत और अफगानिस्तान ने पाकिस्तान-प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद को “साझा खतरा” बताते हुए कड़ा रुख अपनाया। इस साझा बयान ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को और गहरा कर दिया है।
- पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की चेतावनी: इससे पहले, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में साफ शब्दों में चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई में नुकसान को नकारा नहीं जा सकता।
शांति और स्थिरता के लिए सऊदी की अपील
- संयम की अपील: सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय (MOFA) ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जारी तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
- संवाद का आग्रह: सऊदी अरब ने दोनों देशों से संयम बरतने, तनाव से बचने और संवाद व विवेक अपनाने की अपील की है ताकि क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनी रह सके। किंगडम ने इस बात पर जोर दिया कि वह क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करता है।