किसी की भी जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा उसके माँ-बाप और परिवार के सदस्य ही होते हैं। लेकिन जिंदगी सबके लिए एक सी नहीं होती है। दामिनी की जिंदगी औरो से बिलकुल अलग थी। महज तीन साल की उम्र में भी दामिनी के पिता इस दुनिया को छोड़कर चले गए। इसके बाद दामिनी की माँ ने ही बेटियों का पालन पोषण किया। लेकिन दामिनी जिंदगी की मुश्किलों से नहीं हारी और आज यूपीएससी में बाजी मारकर आईआरएस अफसर बन गई है।
मध्य प्रदेश की रहने वाली है दामिनी दिवाकर
मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर से आने वाली, दामिनी ने यूपीएससी सीएसई 2022 में सफलता हासिल करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। जब वह सिर्फ तीन साल की थी, तब उसके पिता के असामयिक निधन के बाद उसे अपनी मजबूत मां की देखरेख में छोड़ दिया गया। लेकिन दामिनी ने जो सपना देखा तो उसे पूरा करने के लिए लगातार मेहनत करती रही।
पांचवे प्रयास में बनी अफसर
दामिनी ने यूपीएससी की तैयारी की। लेकिन इस कठिन परीक्षा में उसे बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन इस असफलताओ के समुन्दर के आगे भी दामिनी का हौसला नहीं डिगा। आखिरकार दामिनी ने अपने पांचवे प्रयास में अखिल भारतीय रैंक 435 हासिल की और आईआरएस अफसर बन गई।