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    पिता मजदूर, दादा तराशते हैं पत्थर.. दिलचस्प है टॉपर अनुष्का की कहानी

    बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पिछले सप्ताह इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 का रिजल्ट जारी किया है। 12.80 लाख छात्रों ने परीक्षा दी, जिसमें से 11,07,330 छात्र पास हुए। बिहार आट्र्स टॉपर लिस्ट में मुजफ्फरपुर की अनुष्का दूसरे स्थान पर रही। पूरे राज्य में अनुष्का ने 471 अंकों के साथ आट्र्स स्ट्रीम में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मुजफ़्फरपुर के राजनारायण सिंह इंटर कॉलेज की छात्रा अनुष्का के ऑट्र्स में टॉप करने वाले स्टूडेंट से केवल 2 अंक कम हैं। अनुष्का के पिता की छोटी-मोटी नौकरी है तो दादा छेनी हथौड़ी से आटा चक्की में लगे पत्थर को तराशते हैं। इसके बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता का मुकाम पाया। अनुष्का कहती हैं कि मैं अपने घर की आर्थिक हालात को भली-भांति जानती हूं। जिस दिन मैं नहीं पढ़ती हूं उस दिन मुझे ऐसा लगता है कि आज पूरा दिन खाली-खाली चला गया है।

    12 घंटे तक अनुष्का ने की पढ़ाई

    अनुष्का ने बताया कि मुझे काफी अच्छा लग रहा है कि मैं पूरे बिहार में आट्र्स में सेकेंड टॉपर हूं। इसका सारा श्रेय अपने माता-पिता, पूरे परिवार और गुरु जी को देना चाहूंगी। मेरे गुरुजी मेरे चाचा भी हैं। मैंने उन्हीं के मार्गदर्शन में पढ़ाई की है। छह से सात घंटे पढ़ाई करती रही हूं, लेकिन एग्जॉम नजदीक आते ही मैंने 12 घंटे तक पढ़ाई की है। आगे ग्रेजुएशन करने के साथ बीपीएससी की तैयारी भी करनी है।

    टॉपर बनना है तो करनी होगी मेहनत

    अनुष्का कहती हैं कि अगर खुद को टॉपर बनाना है तो उसे शुरू से ही मेहनत करनी होगी। ऐसा नहीं है कि बीच में कभी मन बना लिए और परीक्षा के वक्त थोड़ी मेहनत करने से यह संभव नहीं है। 10वीं में प्रयास की थी, लेकिन रैंक नहीं आ पाया, लेकिन मैंने 12वीं में ये कर दिखाया है। अनुष्का ने यह भी कहा कि वह मुजफ्फरपुर में रहकर ही ग्रेजुएशन और बीपीएससी की तैयारी करना चाहती हैं। ऑफलाइन क्लास करना अब जरूरी नहीं रह गया है। घर पर रहते हैं तो पढ़ाई के दौरान परिवार का काफी सहयोग मिलता है।

    सोशल मीडिया पर ऐक्टिव नहीं हैं अनुष्का

    अनुष्का ने कहा कि वह सोशल मीडिया से अभी तक लगभग पूरी तरह दूर हैं। घर में टैब है, लेकिन वह पढ़ाई के लिए है। जब मैं पढ़ाई करती हूं तभी फोन यूज करती रही हूं। फेसबुक कभी चलाई भी नहीं हूं। आज के जो भी बच्चे सोशल मीडिया पर रहते हैं तो उन्हें यही कहना चाहूंगी कि रील्स देखने से कुछ होगा नहीं। समय का सदुपयोग कीजिए।

    किराए के मकान में रहती हैं

    अनुष्का के पिता अमित कुमार सोने के जेवरात बनाने के कारीगर हैं। अमित के दादा भी आटा चक्की और मसाला चक्की के मरम्मत करने वाले वाले मिस्त्री का काम करते हैं। वे 1977 से मुजफ्फरपुर शहर में परिवार को साथ लेकर किराए के घर में रहते हैं। दादा नारायण कहते हैं कि मुझे कितनी खुशी है मैं बता नहीं सकता, जो काम मेरा बेटा नहीं कर सका वो काम मेरी पोती ने कर दिखाया है।

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