सरकार से वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद अब किसान दिल्ली चलो मार्च की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं हरियाणा और दिल्ली पुलिस उन्हें रोकने के लिए जोर लगा रही है। इस बीच किसान नेताओं ने फिर अपनी बात रखी और सरकार को अल्टीमेटम देने के साथ ही पीएम से अपील भी की। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई। अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि हम शांत रहेंगे। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। डेढ़-दो लाख करोड़ रुपये ज्यादा बड़ी रकम नहीं है। इन बाधाओं को हटाकर हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
7 नवंबर से था कार्यक्रम, सरकार ने किया नजरअंदाज
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है। हमने 7 नवंबर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार ने हमें नजरअंदाज किया। हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे, नहीं तो हमारी मांगें मान लें। उन्होंने कहा कि हम शांत हैं। अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे। हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं।
पीएम आगे आएं और एमएसपी की गारंटी दें
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करे। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा।
हरियाणा में अर्धसैनिकल बल तैनात, हमने कौन सा अपराध किया
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने कौन सा अपराध किया है? हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि सरकार हम पर इस तरह जुल्म करेगी। कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें, ये हमारा अधिकार है।
किसानों ने बढ़ाई सरकार की टेंशन.. दिल्ली कूच से पहले पीएम से की यह अपील
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