बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनाव में इस बार जो मतदान हुआ है और उसके बाद जो नतीजे आए हैं, उसको लेकर लोगों में आम चर्चा है कि पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते थे। लेकिन अब तो ईवीएम के जरिए भी ये कार्य किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत दुख और चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनावों के साथ-साथ खासकर उपचुनावों में तो अब ये कार्य काफी खुलकर किया जा रहा है। ये सब हमें हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में देखने को भी मिला है।
देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी बसपा
मायावती ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में विधानसभा के हुए आम चुनाव में भी इसे लेकर काफी आवाजें उठाई जा रही हैं। ये हमारे देश और लोकतंत्र के लिए खतरे की बड़ी घंटी है। ऐसी स्थिति में अब हमारी पार्टी ने ये फैसला लिया है कि जब तक देश में फर्जी वोटों को डालने से रोकने के लिए देश के चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाए जाते हैं तब तक हमारी पार्टी देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी देश में लोकसभा व राज्यों में विधानसभा के चुनाव और स्थानीय निकायों के चुनाव पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ेगी।
गलत नैरेटिव सेट किया था : दीपक केसरकर
महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि यह महायुति को दिया हुआ जनता का आशीर्वाद है। लोकसभा चुनाव में गलत नैरेटिव सेट किया गया था जिससे भारत और महाराष्ट्र के लोग अब बाहर आ चुके हैं। इसका नतीजा देखा जा सकता है। लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि असली शिवसेना कौन सी है। देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ एक पूरी मुहिम चलाई गई थी। हालांकि उससे उनका नेतृत्व और उभरकर आया। एकनाथ शिंदे ने बताया कि एक आम आदमी जब सीएम बनता है तो वो क्या कर सकता है। जो-जो योजनाएं उनके नेतृत्व में लाई गई, महिलाओं, युवकों और किसानों ने उसे बहुत पसंद किया। वहीं उद्धव ठाकरे का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है।