पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने इस हमले से जुड़े पुख्ता सबूत संयुक्त राष्ट्र के समक्ष पेश किए और टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने की पुरजोर मांग की है। भारतीय दल ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) और आतंकवाद निरोधी समिति कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान पहलगाम हमले में टीआरएफ की सीधी संलिप्तता और पाकिस्तान द्वारा उसे पनाह देने के सबूत विस्तार से साझा किए गए। भारत ने यह भी बताया कि टीआरएफ, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का ही एक मुखौटा है।
आतंकी संगठन को बचाने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान
भारतीय अधिकारियों ने बताया कि टीआरएफ ने न केवल पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली, बल्कि दो बार सार्वजनिक रूप से इसका दावा किया। इसके बावजूद, पाकिस्तान इस आतंकी संगठन को बचाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक प्रेस विज्ञप्ति में टीआरएफ का नाम शामिल करने के भारत के प्रयास को पाकिस्तान ने चीन की मदद से विफल कर दिया था। भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया जाए, ताकि इस पर यात्रा प्रतिबंध और वित्तीय पाबंदियां लगाई जा सकें। भारत का यह कदम सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
भारत ने कहा-कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश है। भारत इस हमले के साजिशकर्ताओं और उन्हें समर्थन देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है और संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है। अब देखना यह है कि भारत के इन ठोस सबूतों के बाद संयुक्त राष्ट्र इस पाकिस्तानी प्रॉक्सी आतंकी संगठन पर क्या कार्रवाई करता है।