भारत में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश लगातार जारी है और इस मामले में नई गिरफ्तारियां हो रही हैं। 7 मई के बाद से, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस नेटवर्क पर अपनी पैनी नजर रखी हुई है और अब एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समेत अब तक 12 से अधिक लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है, और जांच एजेंसियां इन सभी से गहन पूछताछ कर रही हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि वे इस पूरे जासूसी नेटवर्क की जड़ तक पहुंच रहे हैं और देश के खिलाफ काम करने वाले हर गद्दार का पर्दाफाश किया जाएगा। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और बड़े खुलासे होने की संभावना है, जो पाकिस्तान की नापाक साजिशों का पूरा सच सामने लाएंगे।
दानिश के संपर्क में थी ज्योति
हाल ही में गिरफ्तार की गई हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट दानिश के संपर्क में थी, जिसने पाकिस्तान उच्चायोग में काम करते हुए उसे वीजा दिलाने और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से मिलवाने में मदद की। ज्योति मल्होत्रा ने पाकिस्तान की कई यात्राएं की थीं और उस पर भारत की सैन्य गतिविधियों और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा करने का आरोप है। उसकी डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें पाकिस्तान यात्रा और वहां के अनुभवों का जिक्र है।
पंजाब, हरियाणा और उप्र से भी गिरफ्तारियां
केवल ज्योति मल्होत्रा ही नहीं, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी कई अन्य जासूसों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें गुर्जर, यामीन मोहम्मद, देवेंद्र सिंह ढिल्लों, अरमान, शहजाद और मोहम्मद तारिफ जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी अलग-अलग तरीकों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए काम कर रहे थे, जिनमें सैन्य ठिकानों की तस्वीरें और जानकारी साझा करना, सिम कार्ड उपलब्ध कराना और यहां तक कि युवाओं को प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजना भी शामिल है। जांच एजेंसियां इन सभी जासूसों के वित्तीय लेनदेन, यात्रा इतिहास और उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कर रही हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात दानिश जैसे अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, जिसे भारत ने अब अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है।