इंग्लैंड के बर्मिंघम स्थित एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड, जहां भारत को आगामी टेस्ट मैच खेलना है, मेजबान टीम के लिए एक अभेद्य किला साबित हुआ है। इस मैदान पर इंग्लैंड का रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली है, और भारतीय टीम को अगर यहां जीत हासिल करनी है तो उसे बेहद सतर्क और रणनीतिक रूप से मजबूत रहना होगा। आंकड़े भारत के पक्ष में नहीं हैं।
एजबेस्टन में इंग्लैंड का टेस्ट रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने यहां कुल 60 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 30 जीते हैं और केवल 15 हारे हैं, जबकि 11 ड्रॉ रहे हैं। यह मैदान इंग्लैंड के गेंदबाजों और बल्लेबाजों, खासकर जो रूट के लिए भाग्यशाली साबित हुआ है। जो रूट का एजबेस्टन में टेस्ट औसत 70.76 है, और उन्होंने यहां 9 मैचों में 920 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक शामिल हैं। भारत के खिलाफ भी उनका रिकॉर्ड जबरदस्त रहा है।
वहीं, भारतीय टीम का एजबेस्टन में रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। भारत ने इस मैदान पर अब तक 8 टेस्ट मैच खेले हैं और इनमें से एक भी नहीं जीता है। 7 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें से तीन तो पारी के अंतर से मिली हैं। केवल एक मैच, जो 1986 में खेला गया था, ड्रॉ रहा था। हाल ही में 2022 में भी, भारत ने पहली पारी में 416 रन बनाकर बढ़त हासिल की थी, लेकिन फिर भी इंग्लैंड ने 378 रनों का लक्ष्य हासिल कर 7 विकेट से जीत दर्ज की थी। यह इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास का सबसे सफल रन-चेज था।
पिच की बात करें तो, एजबेस्टन की पिच शुरुआती दिनों में तेज गेंदबाजों को मदद देती है, खासकर ओवरकास्ट कंडीशंस में। नई गेंद से स्विंग मिलती है और उछाल भी देखने को मिलता है। हालांकि, मैच के आगे बढ़ने के साथ यह बल्लेबाजी के लिए भी अच्छी हो जाती है। चौथी पारी में यहां रन बनाना काफी मुश्किल होता है, जिसका औसत स्कोर केवल 157 रन है।
इन आंकड़ों को देखते हुए, भारतीय टीम को एजबेस्टन में जो रूट जैसे खिलाड़ियों पर लगाम कसने और शुरू से ही मजबूत प्रदर्शन करने की आवश्यकता होगी। इंग्लैंड अपने घर पर एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी है, और एजबेस्टन में उसका दबदबा भारत के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करेगा।