मप्र की राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में हाल ही में बने एक नए फ्लाईओवर ने सोशल मीडिया पर जोरदार बहस छेड़ दी है। इस 648 मीटर लंबे और 8.5 मीटर चौड़े फ्लाईओवर में एक 90 डिग्री का तीव्र मोड़ दिया गया है, जिसे लेकर लोग हैरत में हैं। जहां कुछ लोग इसे इंजीनियरिंग का कमाल और जगह की कमी का शानदार समाधान बता रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में लोग इसकी सुरक्षा और व्यावहारिकता को लेकर गंभीर सवाल उठा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इस 90 डिग्री के मोड़ को शामिल करने का मुख्य कारण उस विशेष स्थान पर जगह की भारी कमी थी। इसके अलावा फ्लाईओवर के निकट एक मेट्रो स्टेशन का होना भी इस डिजाइन का एक प्रमुख कारक बताया जा रहा है। उनका कहना है कि इस मोड़ को सुरक्षित और यातायात के अनुकूल बनाने के लिए विशेष इंजीनियरिंग डिजाइन और गणनाओं का उपयोग किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि मोड़ पर पर्याप्त बैंकिंग और चौड़ाई सुनिश्चित की गई है, ताकि वाहन सुचारू रूप से मुड़ सकें।
तीखे मोड़ पर तेज गति से चलने वाले वाहनों पर खतरा
आम जनता और कुछ यातायात विशेषज्ञों के बीच चिंताएं बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में उपयोगकर्ता इस तीखे मोड़ पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के लिए संभावित खतरों की ओर इशारा कर रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे तीव्र मोड़ पर चालकों को अपनी गति बहुत कम करनी होगी, जिससे फ्लाईओवर के माध्यम से यातायात को सुगम बनाने का मूल उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि बारिश या कम दृश्यता की स्थिति में यह मोड़ और भी खतरनाक हो सकता है। फिलहाल, यह फ्लाईओवर भोपाल में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि यह अनोखा फ्लाईओवर वास्तव में ऐशबाग में यातायात को कितना आसान बनाता है और क्या यह इंजीनियरों के दावे के अनुरूप सुरक्षित साबित होता है। यह परियोजना निश्चित रूप से शहरी नियोजन और इंजीनियरिंग में एक नया मानदंड स्थापित करती है, लेकिन इसकी अंतिम सफलता का मूल्यांकन आने वाले समय में ही हो पाएगा।