Friday, July 5, 2024
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इतिहास में पहली बार स्पीकर के लिए चुनाव.. भाजपा-कांग्रेस में शुरू हुआ टकराव

एनडीए और इंडिया ब्लॉक में 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए सहमति नहीं बनी। एनडीए नेताओं ने ओम बिरला के पक्ष में प्रस्ताव पत्र पर हस्ताक्षर किए और कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने भी इंडिया ब्लॉक की ओर से लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। ऐसा इतिहास में पहली बार होगा जब स्पीकर के लिए चुनाव होंगे। आईए जानते हैं इस घटनाक्रम पर किसने क्या कहा?

शर्त पर अड़ी रही कांग्रेस : ललन सिंह

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ललन सिंह ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष पर बात करने के लिए कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल और टीआर बालू आए थे। उन्होंने रक्षा मंत्री से चर्चा की थी। रक्षा मंत्री ने उन्हें एनडीए की तरफ से स्पीकर का नाम बताया और समर्थन मांगा। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल का कहना था कि आप अभी उपाध्यक्ष का पद स्वीकार करें। लेकिन रक्षा मंत्री ने उन्हें कहा कि जब उपाध्यक्ष का चुनाव होगा, तब हम सभी मिलकर उपाध्यक्ष तय करेंगे। लेकिन वे शर्त पर अड़े रहे और उसी शर्त पर लोकतंत्र चलाना चाहते हैं। दबाव की राजनीति चलाना चाहते थे तो ये नहीं चलेगा। लोकतंत्र में बातचीत के साथ रास्ता तय किया जाता है लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। हम लोगों ने अपनी तरफ से ओम बिरला का नामांकन दाखिल कर दिया है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे एक वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। कल से लेकर आज तक मेरी उनसे तीन बार बातचीत हो चुकी है।

डिप्टी स्पीकर मिलना चाहिए, जवाब नहीं दिया : राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के पास केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का फोन आया उन्होंने अपने स्पीकर के लिए समर्थन मांगा। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कल शाम कहा था कि वे कॉल रिटर्न करेंगे, लेकिन अभी तक खरगे के पास कोई जवाब नहीं आया है। पीएम मोदी कह रहे हैं रचनात्मक सहयोग हो, फिर हमारे नेता का अपमान किया जा रहा है। नीयत साफ नहीं है। नरेंद्र मोदी कोई रचनात्मक सहयोग नहीं चाहते हैं। परंपरा है कि डिप्टी स्पीकर विपक्ष को होना चाहिए। विपक्ष ने कहा है अगर परंपरा को रखा जाएगा तो हम पूरा समर्थन देंगे।

हम चर्चा के लिए तैयार थे, वे अड़े रहे : चिराग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ये किसी पक्ष का चुनाव नहीं होता। स्पीकर का पद पूरे सदन के लिए होता है। आजादी के बाद से मुझे नहीं याद कि इस तरीके से पद को लेकर चुनाव हो। जिस तरीके से विपक्ष की इस बार भूमिका रही है और शर्तों के साथ जिस तरीके से विपक्ष सामने आया है कि डिप्टी स्पीकर का पद पर सहमति करें। हम सब उस पर चर्चा के लिए तैयार थे लेकिन उसके बाद भी अडऩा मुझे नहीं लगता कि ये उचित है। फिलहाल जीत सुनिश्चित है, उसमें कहीं कोई शंका की बात नहीं है।

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