मणिपुर में राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गई हैं। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, अब नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने दावा किया है कि उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उसने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। अब गेंद राज्यपाल के पाले में है, जो इस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
बुधवार को भाजपा, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और एक निर्दलीय विधायक सहित 10 विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के युमनाम राधेश्याम सिंह, थोकचोम राधेश्याम सिंह, लौरेंबम रामेश्वर मेइती, थंगजम अरुणकुमार, ख. रघुमणि सिंह, कोंगखाम रोबिंद्रो सिंह और पाओनम ब्रोजन सिंह, एनपीपी के शेख नूरूल हसन और जांघमलियुंग, और निर्दलीय सपन निशिकांत शामिल थे। इनमें से अधिकांश विधायक मैतेई बहुल घाटी क्षेत्र से हैं।
प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे निर्दलीय विधायक सपन निशिकांत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन वाला एक हस्ताक्षरित दस्तावेज सौंपा है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि जल्द ही लोकप्रिय सरकार का गठन होगा। हम राज्यपाल से अपील कर रहे हैं कि हम एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। मणिपुर में सभी एनडीए विधायक एक लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम जनता का समर्थन भी चाहते हैं।”
एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू
यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब 9 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। मई 2023 से राज्य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं। इससे पहले 29 अप्रैल 2025 को भी 21 NDA विधायकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर राज्य में लोकप्रिय सरकार के गठन की मांग की थी, हालांकि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के करीबी विधायक शामिल नहीं थे। अब देखना यह होगा कि राज्यपाल इस दावे पर क्या फैसला लेते हैं और क्या मणिपुर को जल्द ही एक नई निर्वाचित सरकार मिल पाती है।