कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हरियाणा में कथित वोट हेरफेर और ‘एच-फाइल्स’ संबंधी सनसनीखेज आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग (ECI) दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राहुल गांधी के ‘एच-बम’ पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तंज कसते हुए पूछा कि “यह फूटता क्यों नहीं?”, वहीं चुनाव आयोग ने उनके दावों को बेबुनियाद करार दिया है।
राहुल गांधी के ‘एच-फाइल्स’ और ’25 लाख वोट चोरी’ का दावा
राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव भाजपा के पक्ष में धांधली से कराए गए थे। उन्होंने निर्वाचन आयोग और भाजपा की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दावा किया कि हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी किए गए थे। उनके अनुसार, इसमें 5.21 लाख डुप्लीकेट वोटर, 93,174 अमान्य वोटर और 19.26 लाख बल्क वोटर शामिल थे। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि भाजपा से जुड़े हजारों लोगों ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश, दोनों जगह मतदान किया। उन्होंने अपनी ‘एच-फाइल्स’ में इस धांधली के सबूत होने का दावा किया था।
भाजपा का तीखा वार: किरेन रिजिजू ने पूछा- ‘फूटता क्यों नहीं?’
राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी के ‘एच-फाइल्स’ के दावे को लेकर तंज कसते हुए पूछा, “यह एच-बम राहुल गांधी के पास इतने सालों से है, लेकिन यह फूटता क्यों नहीं? हर चुनाव में कांग्रेस हारने के बाद शिकायत करती है।” रिजिजू ने राहुल गांधी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और हर चुनाव में हार के बाद ईवीएम या चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने का आरोप लगाया।
चुनाव आयोग ने दावों को बताया ‘बेबुनियाद’, कांग्रेस की निष्क्रियता पर सवाल
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में कथित वोट हेरफेर के आरोपों को “बेबुनियाद” करार दिया है। सूत्र ने कहा कि राज्य की मतदाता सूची के खिलाफ कांग्रेस या किसी अन्य दल द्वारा कोई अपील दायर नहीं की गई थी। सूत्र ने महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा, “अगर कई नामों के दोहराव से बचना था, तो संशोधन के दौरान कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) ने कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई?”
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल मतदान प्रक्रिया की निगरानी और संभावित अनियमितताओं की पहचान के लिए बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त करते हैं, और यदि वास्तव में इतनी बड़ी अनियमितताएं थीं, तो उन्हें समय रहते आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी। चुनाव आयोग का यह पलटवार राहुल गांधी के आरोपों की सत्यता पर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि आयोग ने प्रक्रियात्मक कमियों की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस की निष्क्रियता को उजागर किया है।


