मानसून में जुलाई से अक्तूबर के दौरान जो बरसाती पानी नदी के ज़रिए समुद्र में व्यर्थ बह जाया करता था, उसके सदुपयोग व बाढ़ से बचाव को लेकर हरियाणा व राजस्थान के बीच डीपीआर अर्थात् विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का समझौता हुआ है। बरसात के दिनों में यमुना नदी के ज़रिए जो पानी समुद्र में बह जाता था, उसको स्टोर करके सदुपयोग करने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। हरियाणा की पश्चिमी जमुना नहर (डब्ल्यूजेसी) की सरकार ने क्षमता 18000 क्यूसिक से बढ़ाकर 24000 क्यूसिक कर दी है। इस समझौते के अंतर्गत बरसात के दिनों में अपनी पूरी क्षमता में चलने के साथ उसका इस्तेमाल हरियाणा के सूखाग्रस्त इलाक़ों में करने के साथ ही पूरे प्रदेश को लाभ होगा और राजस्थान को भी पानी दिया जाएगा।
हरियाणा के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को मिलेगा पानी.. राजस्थान भी होगा सिंचित
RELATED ARTICLES