अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर शुक्रवार सुबह हुए हवाई हमलों के बाद क्षेत्र में पाकिस्तान और तालिबान के बीच एक बड़े युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। यह हमला तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के सरगना नूर वली महसूद को निशाना बनाकर किया गया था और इसकी टाइमिंग बेहद संवेदनशील है, क्योंकि तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के 8 दिवसीय दौरे पर हैं। इस घटना ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों को चिंता में डाल दिया है, जो इसके बाद एक बड़े संघर्ष की आशंका जता रहे हैं।
पूर्व अमेरिकी राजनयिक की चेतावनी
अफगानिस्तान मामलों के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रह चुके जल्मे खलीलजाद ने पाकिस्तान के इस हमले को “बहुत बड़ा उकसावा” बताया है, जो “खतरनाक जोखिम” पैदा करता है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा:
- विवादित भूमिकाएं: खलीलजाद ने बताया कि हाल के दिनों में तालिबान के लड़ाके पाकिस्तान में सक्रिय रहे हैं और इस्लामिक स्टेट (IS) पर हमला करके उसके कई नेताओं को मार चुके हैं। वहीं, पाकिस्तान अफगानिस्तान में और अपने बलूच राष्ट्रवादी विद्रोह के खिलाफ लड़ने के लिए ISISI के आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है, जिसके जवाब में अफगानिस्तान TTP के प्रति नरमी बरतता है।
- सैन्य वृद्धि का समाधान नहीं: खलीलजाद ने जोर दिया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सैन्य वृद्धि इसका समाधान नहीं है। इससे दोनों देशों में मौत और विनाश बढ़ेगा।
काबुल के आसमान में लगातार उड़ते ड्रोन
जल्मे खलीलजाद जिस खतरे की बात कर रहे हैं, पाकिस्तान उसे गंभीरता से लेने को तैयार नहीं दिख रहा है, क्योंकि शुक्रवार सुबह तड़के के हमले के कई घंटों बाद भी काबुल के आसमान में ड्रोन और विमान उड़ान भरते रहे।
- स्थानीय निवासियों की रिपोर्ट: अमु टीवी ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया कि सुबह के दौरान रुक-रुक कर विमानों और ड्रोन की आवाजें सुनाई दे रही थीं। ये उड़ानें गुरुवार-शुक्रवार की रात काबुल के कुछ हिस्सों में कई विस्फोटों की सूचना के बाद हुईं।
- नूर वली महसूद की मौत की अटकलें: अमु टीवी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि पाकिस्तान के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल नूर वली महसूद कथित तौर पर इस हमले में मारा गया है। हालांकि, न तो तालिबान और न ही पाकिस्तान की सरकार या सेना ने अभी तक इसकी पुष्टि की है। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने नूर वली महसूद को निशाना बनाए जाने या राजधानी के ऊपर ड्रोन गतिविधि जारी रहने की खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस हमले को 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से सबसे बड़े हमलों में से एक माना जा रहा है, जिसमें सीधे राजधानी काबुल को निशाना बनाया गया है। यह घटना दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव और संभावित बड़े संघर्ष की ओर इशारा करती है।