उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर तीखी बहसें जारी हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज को सार्वजनिक रूप से टोक दिया, जब वे ‘शूद्र’ शब्द का प्रयोग कर रहे थे। अखिलेश के इस हस्तक्षेप के बाद अनिरुद्धाचार्य कुछ समय के लिए निरुत्तर हो गए और उनकी बोलती बंद हो गई।
ऐसे हुई बातचीत
लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बीच मुलाकात होती है, जो देखते-ही-देखते एक विचारात्मक टकराव में बदल जाती है। अखिलेश अनिरुद्धाचार्य से श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर एक सीधा सवाल पूछते हैं। लेकिन अनिरुद्धाचार्य उस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाते। कुछ पल की खामोशी के बाद अखिलेश यादव उन्हें देखते हैं और कहते हैं कि “बस यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग हो गया। इसलिए आइंदा किसी को शूद्र मत कहना.” इसके बाद वो वहां से रवाना हो जाते हैं।
इस घटना पर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग अखिलेश यादव के बयान का समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना है कि ऐसे शब्दों का प्रयोग बंद होना चाहिए। वहीं, कुछ लोग इसे धर्मगुरुओं के बीच में हस्तक्षेप मानकर आलोचना कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर समाज में शब्दों के प्रयोग और उनके सामाजिक प्रभाव पर बहस को जन्म दे दिया है।