कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिसमें ट्रम्प ने भारत में अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाने वाले शुल्कों (टैरिफ) को अस्वीकार्य बताया था। रमेश ने इस चुप्पी को प्रधानमंत्री की कमजोर विदेश नीति और आत्मसमर्पण का प्रतीक बताया है। जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक बार फिर भारत के टैरिफ पर खुले तौर पर बात की है। उन्होंने कहा कि भारत टैरिफ किंग हैं और भारतीय टैरिफ अस्वीकार्य हैं। प्रधानमंत्री मोदी, हमेशा की तरह, इस पर चुप हैं। जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 दिनों में 12 बयान दिए हैं और बयान में उन्होंने कहा है कि मेरे वजह से युद्ध विराम हुआ है, ऑपरेशन सिंदूर मैंने रुकवाया है। वे कहते हैं कि व्यापार को लेकर मैंने कहा कि अमेरिका के साथ ज्यादा व्यापार करना चाहते हो तो युद्ध विराम करो। इस पर हमारे प्रधानमंत्री चुप हैं, वे यहां-वहां जा रहे हैं, ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के बयान पर चुप हैं। जयराम ने कहा कि राष्ट्रपति राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान को एक ही नांव में बैठा दिया है, इसके बारे में प्रधानमंत्री की क्या राय है?
चुप्पी भारत के हितों के साथ समझौता
रमेश ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की यह चुप्पी भारत के हितों के साथ समझौता करने और अमेरिका के दबाव के आगे झुकने का संकेत देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रम्प पहले भी कई बार भारत के टैरिफ ढांचे की आलोचना कर चुके हैं, और हर बार प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कांग्रेस नेता ने यह भी याद दिलाया कि 2019 में, ट्रम्प प्रशासन ने भारत को अपनी सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली से हटा दिया था, जिससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में मिलने वाले कुछ शुल्कों में छूट समाप्त हो गई थी। रमेश ने दावा किया कि उस समय भी भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कमजोर रुख अपनाया था।