उप्र का विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है। सत्र की शुरुआत में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान सपा-कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए। इस पर भाजपा ने नाखुशी जताई है तो सपा और कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठा करार दिया है।
विपक्ष का आचरण गैर-जिम्मेदाराना
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विपक्ष का आचरण गैर-जिम्मेदाराना है। राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से प्रदेश में जो सरकार काम कर रही है, उसकी जानकारी दी जाती है। समाजवादी पार्टी का आचरण सदा ऐसा ही रहा है कि वे राज्यपाल का आदर करने के बजाय हल्ला बोल करते हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने यह दिखा दिया कि वे एक जिम्मेदार राजनीतिक दल कम और अराजकता फैलाने वाला दल ज्यादा है। वहीं मंत्री दयाशंकर सिंह ने विपक्ष के विरोध पर कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष के लिए सदन एक अवसर होता है, सदन में वे अपनी बातों को उठा सकते हैं लेकिन उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है। इसलिए वे जो हो रहा है उसका विरोध कर रहे हैं। मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विपक्ष का बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना रवैया है। इनका काम विरोध करना है, ये हर बात में नेगेटिव सोचते हैं।
झूठे आंकड़े दिए गए, इसलिए विरोध किया : सपा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में जो पढ़ा जा रहा था, समाजवादी पार्टी ने उसका विरोध किया है क्योंकि उसमें झूठे आंकड़े दिए गए थे। मांग हो रही थी कि महाकुंभ की भगदड़ में जो मौतें हो रही हैं, उसके सही आंकड़ों को बताया जाए। राज्यपाल आधा भाषण छोडक़र चली गईं। हमें लगता है कि वे महाकुंभ में हुई घटनाओं से दुखी थीं इसलिए उन्होंने पूरे भाषण को पढ़ा ही नहीं। वहीं सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि यह सरकार का बनाया हुआ पूरा झूठा भाषण था। राज्यपाल ने इस झूठे भाषण को पूरा पढ़ा ही नहीं। समाजवादी पार्टी के सभी विधायकों की भी यही मांग थी कि इस झूठे भाषण को ना पढ़ा जाए।