पंजाब के सीएम भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से बैठक कर मंथन किया। वैसे यह बैठक दिल्ली में हार की समीक्षा के लिए थी, लेकिन माना जा रहा है कि पंजाब में कई विधायक कांग्रेस-भाजपा के संपर्क में हैं। ऐसे में पार्टी में संभावित टूट से बचने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। बहरहाल कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने कयास लगाए हैं तो आप ने इन्हें सिरे से खारिज किया है।
कांग्रेस बोली-होंगे मध्यावधि चुनाव
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि 8 तारीख को चुनाव के नतीजे आए और दो दिन में हलचल मच गई है। इतनी जल्दी बैठक बुलाना उनके लिए चेतावनी है। मैंने पहले ही कहा था कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव होंगे। बैठक इतनी जल्दी और इतनी घबराहट में बुलाना, जब पार्टी हार जाती है, तो मंथन होता है लेकिन यह राज्य इकाई के लिए होता है। किसी दूसरे राज्य के लिए नहीं। उन्हें लग रहा है कि दिल्ली में जो हुआ वह पंजाब में भी हो सकता है। उनके विधायक घबरा रहे हैं, वे आगे नहीं बढ़ पाएंगे। पंजाब की धरती को बहादुर पुरुष पसंद हैं, ऐसे डरपोक पसंद नहीं हैं। ये लोग ड्रामेबाज हैं, एक बात पक्की है कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव होंगे और बहुत जल्द होंगे।
पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की ताक में केजरीवाल : भाजपा
राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अब पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। वे दिल्ली में हारे हैं और उन्होंने पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई है। वे दिखाना चाहते हैं कि भगवंत मान फेल हो गए हैं, वहां भ्रष्टाचार है, वे वहां की बहनों को 1000 रुपये नहीं दे पा रहे हैं। यह सारा दोष भगवंत मान के सिर पर मढ़ा जाएगा और विधायकों से कहलवाया जाएगा कि यहां के हालात बहुत खराब हैं, आप पंजाब को बचाइए। सिरसा ने कहा कि यह ड्रामा करने की तैयारी है। सत्ता के नशे में एक व्यक्ति क्या-क्या कर सकता है, यह शीशमहल के जरिए लोगों को दिखाया जाना चाहिए। वहीं मनोज तिवारी ने भी कहा कि अब अरविंद केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए वो बैठक कर रहे हैं। अब तक तो उन्हें पंजाब की चिंता नहीं थी, लोगों से किए वादे भी पूरे नहीं किए।
आप विधायकों ने खारिज किए दावे
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों की अरविंद केजरीवाल से मुलाकात पर कहा कि किसी भी काम के होने के बाद उसकी समीक्षा करना बहुत ज़रूरी है। हमारे नेता अरविंद केजरीवाल जुझारू हैं, वो अलग हटकर सोचते हैं। यह बैठक पार्टी को मज़बूत करने, सरकार को लोगों के लिए बेहतर काम करने के लिए है। कोई दिक्कत नहीं है। पंजाब में बहुत अच्छी सरकार चल रही है और लोगों की सेवा कर रही है। वहीं पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ हमारी समय-समय पर बैठकें और चर्चाएं होती रहती हैं। हम सब काफी समय से चुनावों में व्यस्त थे, लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के कारण, इसलिए अब उन्होंने बैठक बुलाई है। पंजाब के सभी विधायकों ने दिल्ली चुनाव में बहुत मेहनत की है, इसलिए शायद वह उस पर भी प्रतिक्रिया लेना चाहते हैं।