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बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और खुद को परिवार तथा राजनीति से अलग करने का ऐलान किया है।
रोहिणी आचार्य के गंभीर आरोप
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक भावुक और सनसनीखेज पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपमानित किया गया और मारने के लिए चप्पल उठाई गई।
- अपमान का आरोप: उन्होंने लिखा कि उन्हें गंदी गालियां दी गईं और बोला गया कि वह ‘गंदी’ हैं और उन्होंने करोड़ों रुपये लेकर, टिकट लेकर अपने पिता को ‘गंदी किडनी’ लगवा दी।
- भावुक अपील: रोहिणी ने सभी बेटियों और बहनों से अपील की कि वे ऐसी गलती न करें जो उन्होंने की (पिता को किडनी देना), और कहा कि “किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी-बहन पैदा न हो“।
- मायके से नाता तोड़ने का दावा: रोहिणी ने आरोप लगाया कि उन्हें जलील करके मायका छुड़वा दिया गया और उन्हें अनाथ बना दिया गया।
- हार का ठीकरा: उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने भाई तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले सलाहकार संजय यादव और रमीज पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हीं के कहने पर वह सारा दोष अपने ऊपर लेकर राजनीति और परिवार से दूर हो रही हैं।
- किडनी दान पर सवाल: अपने पोस्ट में रोहिणी ने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी देने के अपने फैसले पर भी पछतावा व्यक्त किया, जिस पर अब परिवार के भीतर से ही सवाल उठाए जा रहे हैं।
तेज प्रताप यादव का बड़ा ऐलान
इस पूरे घटनाक्रम पर रोहिणी आचार्य के भाई तेज प्रताप यादव ने खुलकर अपनी बहन का समर्थन किया है। उन्होंने अपनी बहन का अपमान करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है।
- ‘सुदर्शन चक्र’ की चेतावनी: तेज प्रताप ने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल के सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “हमारी बहन का जो अपमान करेगा, कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा।“
- तेजस्वी की टीम पर आरोप: उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने साथ हुए अपमान को सह लिया, लेकिन बहन का अपमान असहनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ‘जयचंदों’ ने तेजस्वी की बुद्धि पर परदा डाल दिया है और उन्होंने अपने पिता लालू यादव से इशारा देने को कहा ताकि इन ‘जयचंदों’ को सबक सिखाया जा सके।
- ‘असली बेटी’ बताया: तेज प्रताप ने रोहिणी आचार्य को लालू यादव की ‘असली बेटी’ बताया और कहा कि उन्होंने संजय यादव का विरोध हमेशा डंके की चोट पर किया है।
यह विवाद बिहार चुनाव में पार्टी की हार के बाद शुरू हुआ है, जहां रोहिणी आचार्य ने पार्टी की हार के लिए तेजस्वी यादव की कोर टीम को जिम्मेदार ठहराया था।


