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    G 20 में यूक्रेन युद्ध शांति योजना पर असहमति: पश्चिमी देशों और यूरोपीय संघ के बीच मतभेद

    दक्षिण अफ्रीका में G20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लाए गए शांति प्रस्ताव पर गंभीर मतभेद सामने आए हैं, खासकर पश्चिमी देशों और यूरोपीय संघ के बीच। यूरोपीय नेताओं का मानना है कि इस योजना को लागू करने से रूस को उसके आक्रामक कार्यों का इनाम मिलेगा। यूरोपीय नेताओं ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी शांति प्रस्ताव के लिए यूरोपीय भागीदारों और नाटो सहयोगियों की आम सहमति आवश्यक है।


    ट्रंप की शांति योजना के मुख्य बिंदु क्या हैं?

    ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 28-सूत्रीय शांति योजना में कई विवादास्पद शर्तें शामिल हैं, जो काफी हद तक रूस के हितों के अनुरूप दिखाई देती हैं:

    • यूक्रेन को रूस द्वारा कब्जे में लिए गए कुछ क्षेत्रों (जैसे क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के कुछ हिस्से) को व्यावहारिक रूप से रूस का हिस्सा मानना होगा।
    • यूक्रेन को अपनी सशस्त्र सेनाओं की संख्या 600,000 तक सीमित करनी होगी।
    • यूक्रेन को अपने संविधान में यह प्रावधान करना होगा कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा, और नाटो भी भविष्य में यूक्रेन को सदस्य न बनाने पर सहमत होगा।
    • यूक्रेन को पश्चिमी देशों से लंबी दूरी के ऐसे हथियार नहीं मिलेंगे जो रूस के भीतर गहराई तक मार कर सकें।
    • योजना के अनुसार, युद्ध रुकने के बाद रूस पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा

    पश्चिमी देश क्यों हैं नाखुश?

    यूरोपीय संघ और यूक्रेन के सहयोगी देशों (जैसे जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन) ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसके पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

    1. पश्चिमी देशों का मानना है कि यूक्रेन को अपनी जमीन का एक हिस्सा रूस को सौंपने के लिए कहना, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी आक्रामकता के लिए पुरस्कृत करने जैसा होगा। यह भविष्य में अन्य देशों को भी क्षेत्रीय दावे करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
    2. योजना में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की मांग को दरकिनार किया गया है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के विपरीत है।
    3. यूक्रेन को नाटो में शामिल न होने के लिए मजबूर करना, उसकी अपनी सुरक्षा नीति तय करने के अधिकार का हनन है।
    4. यह योजना वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच इनपुट लेकर तैयार की गई है, जिसमें यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को शामिल नहीं किया गया है, जिससे वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।
    5. ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन ने इस योजना को स्वीकार नहीं किया, तो अमेरिका उसे हथियार और खुफिया सूचनाएं देना बंद कर देगा, जिससे यूक्रेन पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है।

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