ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के मस्जिद में बैठने के तरीके पर आपत्ति जताई है। मौलाना रशीदी ने एक बयान जारी कर कहा, “मस्जिद के अंदर जिस अवस्था में डिंपल यादव बैठी हैं, इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मेरी उस पर आपत्ति है। इस्लामिक मान्यताओं में इस तरह से मस्जिद में बैठना ठीक नहीं है और उसका सबसे बड़ा उदाहरण इकरा हसन हैं जो उनके बगल में बैठी हैं। उनको कम से कम इकरा हसन से सीख ले लेनी चाहिए थी कि वे मुसलमान हैं, जिस तरह से वे बैठी हैं, मैं भी उसी तरह से बैठूं।” यह टिप्पणी डिंपल यादव की एक तस्वीर के संदर्भ में आई है, जिसमें वह एक मस्जिद के अंदर बैठी हुई दिखाई दे रही हैं।
हालांकि, मौलाना रशीदी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनकी आपत्ति किस विशिष्ट ‘अवस्था’ या तरीके पर है। आमतौर पर, इस्लामी परंपरा में पुरुषों और महिलाओं के लिए मस्जिद के अंदर कुछ नियम होते हैं, खासकर प्रार्थना या धार्मिक आयोजनों के दौरान। महिलाओं को आमतौर पर शालीन कपड़े पहनने और पुरुषों से अलग बैठने की सलाह दी जाती है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि वे ऐसी मुद्रा में न बैठें जिससे असहजता हो या धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन हो।
डिंपल यादव की यह तस्वीर हाल ही में सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुई थी, जिसके बाद इस पर बहस छिड़ गई थी। समाजवादी पार्टी या डिंपल यादव की ओर से अभी तक मौलाना रशीदी के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग मौलाना रशीदी के बयान का समर्थन कर रहे हैं और धार्मिक स्थलों पर नियमों के पालन की बात कर रहे हैं, वहीं कुछ अन्य इसे गैर-जरूरी विवाद बता रहे हैं और व्यक्तिगत आजादी पर टिप्पणी मान रहे हैं।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत में धार्मिक स्थलों से जुड़े नियमों और मान्यताओं पर अक्सर बहस छिड़ जाती है। देखना होगा कि इस मामले पर आगे क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं।