डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एक संभावित परमाणु युद्ध को रोका था और इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। लेकिन, जर्मन और जापानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी ने ट्रंप के चार फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया।
भारतीय राजनयिकों का दावा
भारतीय राजनयिकों ने इन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पीएम मोदी संवेदनशील मुद्दों पर फोन पर बातचीत नहीं करते। उन्होंने कहा कि मोदी की विदेश नीति की यह विशेषता है कि वह गंभीर और रणनीतिक मामलों पर केवल आमने-सामने की बैठक या औपचारिक संवाद के जरिए ही चर्चा करते हैं। यह उनकी कूटनीति का एक हिस्सा है, जिसमें वह फोन पर होने वाली आकस्मिक बातचीत को प्राथमिकता नहीं देते। राजनयिकों ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा से ही पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है, चाहे वह अमेरिका हो या कोई और देश।
ट्रंप के दावों पर अमेरिका का रुख
वहीं, अमेरिका ने ट्रंप के उन दावों पर पुष्टि करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम किया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने खुद को भारत-पाकिस्तान शांति निर्माता के रूप में पेश किया है। लेकिन, भारत ने हमेशा ही उनके इन दावों को खारिज किया है और स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। भारतीय राजनयिकों के अनुसार, पीएम मोदी की रणनीति और देश की संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए, फोन पर होने वाली इस तरह की बातचीत से बचा जाता है।