अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ एक सीमित सैन्य हमले को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, आखिरी आदेश देने से पहले वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से एक अंतिम प्रस्ताव पारित होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन में रहते हुए भी ईरान के प्रति सख्त रुख रखते थे और उनका मानना है कि मौजूदा स्थिति में सैन्य विकल्प ही एकमात्र प्रभावी तरीका है।
इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है। पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम किसी भी कीमत पर क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के पक्षधर हैं। सैन्य समाधान कभी भी अंतिम नहीं हो सकता। सभी पक्षों को बातचीत की मेज पर आना चाहिए और कूटनीति के माध्यम से मतभेदों को सुलझाना चाहिए।” पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि रूस मध्यस्थता के लिए तैयार है यदि दोनों पक्ष सहमत हों।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम मध्य पूर्व में एक नए संघर्ष को जन्म दे सकता है। ईरान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी हमले का जवाब दिया जाएगा। वैश्विक समुदाय की निगाहें अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर टिकी हैं कि क्या वह ईरान के खिलाफ कोई प्रस्ताव पारित कर पाता है, और उसके बाद ट्रंप का अगला कदम क्या होगा। तेल बाजार में भी इस खबर से हलचल देखी जा रही है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि की आशंका है।