संसद के दोनों सदनों में पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने हैं। सत्ता पक्ष जहां राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए जोर दे रहा है, तो विपक्ष नीट और एयरपोर्ट हादसे पर जवाब मांग रहा है। लोकसभा में इसी मुद्दे पर हंगामा हुआ, तो राज्यसभा में बवाल देखने को मिला। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा कलंकित दिन है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक गिर जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे।
किसी की सुनने को तैयार नहीं विपक्ष : कंगना
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि सदन को नहीं चलने दिया गया। आपने देखा कि विपक्षी सांसद का आचरण किस प्रकार था। अध्यक्ष ने भी उन्हें फटकार लगाई। लेकिन वे किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं हैं। हम पहली बार आए हैं तो हम घबरा गए कि आखिर ऐसा क्या हो गया। यह देखकर बुरा लगा कि उन्होंने किसी को बात नहीं करनी दी।
राहुल बोले-नीट पर चर्चा हो, स्पीकर ने यह कहा
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीट का मुद्दा उठाया और विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की मांग की। स्पीकर ओम बिरला ने आग्रह किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाए। राहुल गांधी ने कहा कि हम विपक्ष और सरकार की ओर से भारत के छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम इस मुद्दे को जरूरी मानते हैं। इसलिए हमने सोचा कि छात्रों के सम्मान के लिए हम आज नीट पर चर्चा करें।
दिल्ली की बदहाली का जिम्मेदार कौन: हरसिमरत
शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मुझे घर से आते-आते 2 घंटे लग गए। घर में रात को भारी बारिश के कारण पानी भर गया। एयरपोर्ट की छत गिर गई है। मुख्यमंत्री जब जेल में बैठा होगा तो काम क्या होगा, ये मुख्यमंत्री और सरकार को समझना चाहिए। कौन जिम्मेदार है इन्हें सोचना चाहिए। जनता बेहाल है और काम बहुत बेकार है।