उत्तराखंड में मानसून की आफत लगातार जारी है, और रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने की घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया है। भारी बारिश और बादल फटने के कारण कई गांवों में जल प्रलय जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे मंदिर से लेकर खेत और घर तक, सब कुछ पानी में डूब गए हैं। अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे भयावह दृश्य सामने आ रहे हैं।
रुद्रप्रयाग में जारी मूसलाधार बारिश और बादल फटने के कारण अलकनंदा नदी उफान पर है। कई घाट पानी की तेज धारा में पूरी तरह से डूब गए हैं। नदी के तट पर बनी भगवान शिव की आकर्षक प्रतिमा भी जलमग्न हो गई है, जिससे केवल प्रतिमा का ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। इन हालातों को देखते हुए नगर पालिका समिति ने रुद्रप्रयाग में आए पर्यटकों और स्थानीय लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है।
जिले के कई इलाकों में बादल फटने से भारी भूस्खलन हुआ है। पहाड़ से आया मलबा सड़कों पर आ गया है, जिससे कई मार्ग, विशेषकर केदारनाथ हाईवे, अवरुद्ध हो गए हैं। सोनप्रयाग के पास मलबा आने के कारण केदारनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे 40 से अधिक श्रद्धालु फंस गए थे, जिन्हें बाद में एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों ने रेस्क्यू किया। गांवों में घरों में पानी घुस गया है और कई घर और गौशालाएं मलबे और बाढ़ के पानी में बह गई हैं। सिक्कासेरी निवासी राजेंद्र कुमार के मकान का एक हिस्सा ढह गया और उनकी गौशाला में मवेशी भी बह गए।
उत्तराखंड में पिछले 15-20 दिनों से लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। नदी-नाले उफान पर हैं और सहायक नदियां भी नदियों में मिल रही हैं, जिससे जलस्तर और बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों की चिंता बढ़ गई है। बचाव और राहत कार्य जारी हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।