मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार (8 अक्टूबर) रात नागपुर के अस्पतालों में इलाज करा रहे दो और मासूमों ने दम तोड़ दिया, जिससे इस दर्दनाक त्रासदी में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
22 मासूमों ने गंवाई जान
बुधवार रात को जान गंवाने वाले बच्चों में जाम सांवरी के रिद्धि पवार (2 साल) और परसिया की अंजलि धुर्वे (1.5 साल) शामिल हैं। ये दोनों मासूम पिछले कई दिनों से नागपुर के अलग-अलग अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे।
- इस मामले में पहले ही 20 बच्चों की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद यह आंकड़ा 22 तक पहुंच गया है।
- मरने वाले बच्चों में अधिकांश छिंदवाड़ा और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों के थे, जिन्हें कथित तौर पर डॉक्टर की सलाह पर यह कफ सिरप दिया गया था।
एक्शन में पुलिस और सरकार
मासूमों की मौत का कारण बने इस सिरप की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर मध्य प्रदेश पुलिस ने 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
जांच में खुलासा हुआ था कि सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला औद्योगिक रसायन मिला था, जिसकी मात्रा स्वास्थ्य मानकों से बहुत अधिक थी। इसके चलते बच्चों की किडनी फेल हो गई थी।
छिंदवाड़ा पुलिस अब गिरफ्तार किए गए मालिक रंगनाथन को ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश लाने की तैयारी कर रही है ताकि उनसे इस जानलेवा मिलावट के बारे में गहन पूछताछ की जा सके। यह घटना देश की दवा सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।