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    मांदर बजाकर कलाकारों संग थिरके साय.. अटलजी का भाषण भी सुना

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्योत्सव की द्वितीय संध्या पर जनसंपर्क विभाग की छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने मौजूद कलाकारों के पास जाकर मांदर बजाकर अपनी प्रसन्नता का इजहार किया। मुख्यमंत्री साय कलाकारों के साथ मांदर की थाप पर थिरकते हुए अलग अंदाज में नजर आए। मुख्यमंत्री का छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति से जुड़ाव और उनके सहज-सरल व्यवहार को देखकर लोग उनके मुरीद हो गए और तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। मुख्यमंत्री को रिखी क्षत्रीय ने अपनी ओर से मांदर भेंट किया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में दिखाई गई योजनाओं और उपलब्धियों की सराहना की और इसे जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने एलईडी टीवी के माध्यम से प्रसारित हो रहे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में दिए गए भाषण को हेडफोन लगाकर सुना।

    यूएन में हिंदी में बोलने से भाषण अविस्मरणीय और ऐतिहासिक हो गया

    4 अक्टूबर 1977 को भारत के विदेश मंत्री के तौर पर स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में अपना भाषण दिया था। उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण, आतंकवाद जैसे कई गंभीर मुद्दे उठाए थे। हिंदी में बोलने की वजह से ही उनका यह भाषण अविस्मरणीय और ऐतिहासिक हो गया। अटलजी ने कहा था कि भारत सभी देशों से मैत्री चाहता है और भारत विश्व शांति के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को विश्व मंच पर पुरजोर तरीके से रखते हुए कहा कि मैं इस महासभा को आश्वासन देता हूं कि हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव के कल्याण तथा उसके गौरव के लिए त्याग और बलिदान की बेला कभी पीछे नहीं रहेंगे।

    छात्राओं को पुरस्कृत कर हौसला बढ़ाया

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में प्रश्न माला कार्यक्रम में विजेता रही दानी स्कूल और काली बाड़ी स्कूल के छात्राओं को पुरस्कृत किया और उनका हौसला बढ़ाया। छात्रा लविना वर्मा, किरण साहू सुमन, महिमा वर्मा, दीपिका धीवर ने मुख्यमंत्री को इस तरह के आयोजन समय-समय पर कराए जाने का आग्रह किया। जनसंपर्क की प्रदर्शनी में रिखी क्षत्रिय भिलाई ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संजोकर रखने और उनका प्रचार-प्रसार करने के लिए छत्तीसगढ़ के वाद्ययंत्रों को प्रदर्शित किया।

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