भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने सरकारी आवास को खाली करने में हो रही देरी को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी दो बेटियों की मेडिकल स्थिति के कारण उन्हें आवास खाली करने में कुछ दिन का समय लग रहा है। पूर्व सीजेआई ने आश्वस्त किया है कि वे जल्द ही सरकारी आवास छोड़ देंगे।
दरअसल न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवास नहीं छोड़ा है। इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने एक आधिकारिक बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटियां विशेष आवश्यकताओं वाली हैं और उनकी चल रही चिकित्सा प्रक्रियाओं और देखभाल के कारण उन्हें तत्काल आवास बदलना मुश्किल हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार से कहा है कि CJI का सरकारी बंगला तुरंत खाली कराया जाए। यह बंगला दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग पर है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने बयान में कहा, “मेरी दोनों बेटियों को विशेष चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता है। उनके इलाज और दैनिक दिनचर्या को देखते हुए, आवास बदलने में कुछ दिन की अतिरिक्त मोहलत की आवश्यकता थी। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि उनकी देखभाल में कोई व्यवधान न आए।” उन्होंने आगे कहा, “हम जल्द ही सरकारी आवास खाली कर देंगे और सभी संबंधित प्रक्रियाओं का पालन करेंगे।”
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब सरकारी आवासों को खाली करने को लेकर अक्सर पूर्व अधिकारियों और जजों के बीच विवाद होते रहे हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के इस संवेदनशील और पारदर्शी जवाब ने इस मुद्दे को शांत कर दिया है। उनके इस मानवीय पहलू की सराहना की जा रही है, क्योंकि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत पारिवारिक चुनौतियों को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ हाल ही में 2025 में मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्ति ली है।