कांग्रेस ने भले ही इस बार के लोकसभा चुनावों में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया हो, लेकिन कई राज्यों में करारी हार से उसे निराशा हाथ लगी है। इससे पहले भी कांग्रेस हारी है और मंथन किया है, लेकिन निकलकर कुछ आया नहीं। अब जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है, वहां पर कांग्रेस का फोकस रहेगा। कांग्रेस ने 6 समितियों का गठन कर दिया है और जल्द ही इन राज्यों में हार के कारणों का पता लगा जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन समितियों का गठन किया है।
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में करारी हार
कांग्रेस का मध्य प्रदेश से सफाया हो गया है। यहां पार्टी 29 की 29 सीटें हार गई है। कांग्रेस का मजबूत किला छिंदवाड़ा भी ढह चुका है। पार्टी की इस करारी हार से आलाकमान चिंतित है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस यहां बिखरी हुइ्र नजर आ रही है। अब यहां के लिए गठित की गई समिति में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व सांसद सप्तगिरी उलका और गुजरात के नेता जिग्रेश मेवानी हार पर मंथन करेंगे। इसी तरह छत्तीसगढ़ में पार्टी 11 में से सिर्फ एक सीट ही जीत पाई है। ऐसे में यहां पर हार के कारणों पर मंथन होगा। वीरप्पा मोईली और हरीश चौधरी हार के कारणों का पता लगाएंगे।
इन राज्यों में भी हुई करारी हार
ओडिशा में कांग्रेस को 21 में से सिर्फ 1 सीट ही हाथ लगी है। ऐसे में यहां अजय माकन और तारिक अनवर हार के कारणों पर मंथन करेंगे। दिल्ली में पार्टी का खाता नहीं खुला, वहीं कर्नाटक में सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस को 9 सीटें ही मिल पाई हैं। तेलंगाना में पार्टी की सरकार है, लेकिन यहां सिर्फ 17 में से 8 सीटें ही हासिल हुई हैं। पार्टी ने हरियाणा में कुछ बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां की 10 सीटों में से पार्टी को 5 सीटें मिली हैं।