कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की महत्वपूर्ण बैठक में जाति जनगणना के अत्यावश्यक और लंबे समय से लंबित मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। पार्टी मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और इस मुद्दे की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। बैठक के बाद पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि सीडब्ल्यूसी का स्पष्ट मत है कि जाति जनगणना वर्तमान समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, बल्कि यह सरकार को वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए प्रभावी नीतियां बनाने में भी सहायक होगी।
केंद्र सरकार का उदासीन रवैया
वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से जाति जनगणना की मांग करती रही है और अब जब देश में इस मुद्दे पर एक व्यापक बहस छिड़ी हुई है, तो पार्टी इसे और अधिक मजबूती से उठाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उदासीन रवैया अपनाए हुए है और जानबूझकर इसे लटका रही है। सीडब्ल्यूसी ने यह भी निर्णय लिया कि पार्टी इस मुद्दे पर देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाएगी और लोगों को जाति जनगणना के महत्व के बारे में बताएगी। इसके लिए पार्टी विभिन्न स्तरों पर बैठकें, सम्मेलन और जनसभाएं आयोजित करेगी।
जाति जनगणना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी कांग्रेस
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि कांग्रेस आगामी चुनावों में जाति जनगणना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी और अपने घोषणापत्र में इसे शामिल करेगी। पार्टी का मानना है कि यह मुद्दा न केवल सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी पार्टी को मजबूत करने में सहायक होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जाति जनगणना किसी भी तरह से समाज को बांटने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से भी इस मुद्दे पर एकजुट होने और सरकार पर दबाव बनाने की अपील की। कुल मिलाकर कांग्रेस कार्यसमिति की आज की बैठक में जाति जनगणना के मुद्दे पर एक स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया गया। पार्टी अब इस मुद्दे को लेकर आगे बढऩे और इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण बहस का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।